सत्य न पढ़ा जाता है, न सुना जाता है, सत्य मात्र हुआ जाता है || आचार्य प्रशांत, संत कबीर पर (2014)

2019-11-25 2

वीडियो जानकारी:

शब्दयोग सत्संग
२७ अप्रैल २०१४
अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा

प्रसंग:
सत्य क्या है?
सत्य क्या पढ़ कर या सुन कर जाना जा सकता है?
सत्यता में होने का वास्तविक अर्थ क्या है?
एकनिष्ठ होना और सत्यनिष्ठ होना दोनों एक ही बात है?

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